Tuesday, February 12, 2013

वैलेंटाइन्स डे

     "लिखे जो ख़त तुम्हे, तुम्हारी याद में, हज़ारो रंग के, नज़ारे बन गए", शिवजी ने बड़े प्यार से पारवतीजी के लिए गाना गाया।
     "स्वामी, क्या आपने स्पीड पोस्ट से ख़त भेजा था?  आज कल इंडिया पोस्ट का कोई भरोसा नहीं है।" पारवतीजी गुस्से से बोली।
     "क्या बात है, आज आप नाराज़ लग रहे है, कुछ गलती हो गयी हमसे, प्रिये?" शिवजी ने बड़े प्यार से पुछा।
     माता पारवती मूह मोड़कर कक्ष से चली गयी।
     "वैलेंटाइन्स डे आ रहा है", शिवजी के गले पे सुस्ता रहा सांप फुर्रहाया और उनके कान में धीरे से बोला।
     "यह वैलेंटाइन्स डे क्या होता है?" शिवजी आश्चर्यचकित होकर पूछे।
     "इस दिन, प्यार करने वाले अपने प्यार का इज़हार करते है।"
     "अरे भाई, प्यार का इज़हार करने के लिए भी कोई दिन चाहिए? हम तो रोज़ करते है", शिवजी विचलित हो उठे।
     "स्वामी, प्यार का इज़हार जितना किया जाए कम है, और अगर एक दिन आता है साल में जब आप बेझिझक माते को आई लव यू कह सकते है, तो इसमें हर्ज़ ही क्या है?"
     शिवजी गहरी सोच में खो गए, और उन्होंने ठान लिया की इस साल वह पारवती माता को वैलेंटाइन्स डे पर कोई गिफ्ट देंगे।  क्यूंकि कोई कितना भी बड़ा भगवान् क्यूँ न हो, सब जानते है की कोप भवन में बैठी हुई स्त्री सबसे ज्यादा खतरनाक होती है।  और वैसे भी, शिवजी ठैरे भोलेनाथ।
      शिवजी ने तुरंत कभी ना मुरझाने वाले 12 गुलाब का आर्डर इन्टरनेट के ज़रिये दे दिया।
     अब देखना है की यह गुलाब समयसर पहुँचते है की नहीं।
     काश Flipkart.com कैलास परबत पर गुलाब भी डिलीवर करता।

1 comment:

passionate4044 said...

i am in love with your writing mam...
PRashant Gandhi