Wednesday, July 4, 2012

God Particle की कहानी

शिवजी और पार्वतीजी कैलासपरबत पर बैठ कर चाय की चुस्कियां भर रहे थे। गर्मी ने नंदीजी की हालत बेहाल कर राखी थी। देवों के देव, महादेव अपने चिल्लम में से एक कश लिए।
पार्वतीजी बोली, "स्वामी, यह god particle  क्या होता है?"
शिवजी मुस्कुराये और बोले, "प्रिये, जब हमने यह सृष्टि का सर्जन किया था, तब हमने इंसानों को confuse करने के लिए procedure  को document  नहीं किया था।  आज सदियों बाद उनको लगता है की उन्हें पता चला है की हमने दुनिया कैसे बनायीं होगी।"
पार्वतीजी बोली, "स्वामी,  लेकिन आपने ऐसा क्यूँ किया? अपने भक्तो को परेशां करने में आपको बड़ा मज़ा आता है।"
शिवजी की गर्दन पे लिपटा सांप फुर्राया और हलके से मुस्कुराया।
शिवजी बोले, "प्रिये, आज हम आपको एक विशेष टिप्पनी देना चाहते है। दुनिया में ऐसी कई चीज़े है जिनका राज़ सबको नहीं पता होता। उनको जानना ज़रूरी भी नहीं होता। कई बार चीज़े हम पर छोडनी चाहिए। इंसान हममें विश्वास करे या न करे, हम सब देख रहे है। उन्हें सिर्फ थोड़े और विश्वास की ज़रूरत है।"
पार्वतीजी बोली, "आपके तरीके तो मेरे समझ के बहार है।"
शिवजी मुस्कुराये और कहा, "कई बार मेरे तरीके मेरे भी समझ के बहार है। जैसा मैंने कहा, हर रहस्य जानना ज़रूरी नहीं है।"  

3 comments:

Swamy Saran Atul said...

An atheist read this and didn't throw up. In fact, he loved it. Must be very well written. He also noticed the subconscious usage of his name in the post. Kudos!

Bubblegum.... said...

:) I just loved it!!

Nirwa Mehta said...

@ Swamy

Maan gaye, aapki paarkhi nazar.. ityaadi. :P

@ Bubblegum

:) thanks!